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शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2013

बिना बीरप्पन के भी फलफूल रहा है चन्दन तस्करी का खेल

        सुनील रावत की रिपोर्ट..................
18 अक्टूबर 2004 को पुलिस ने कुख्यात चन्दन तस्कर वीरप्पन को मार गिराया, जिसे सरकार ने बड़ी उपलब्धि बताया और दावा किया था कि अब चन्दन की तस्करी रुक जाएगी। लेकिन उसके बाद डीआरआई ने साल दर साल जो आंकड़े छापे उसने सबको हैरत में डाल दिया, आंकड़ो के मुताबिक 2005-2006 में डीआरआई लाल चंदन की 500 मीट्रिक टन जब्त किया, 2006-2007 में, यह 700 मीट्रिक टन हो गया था और 2007-2008 में, दौरे दोगुनी. लेकिन 2008-2009 में, यह पहले से ही लगभग 1000 मीट्रिक टन तक था और आज 2013 में भी चन्दन की तस्करी की गति में कोई कमी नहीं आई है। दिल्ली में तुगलकाबाद और आईजीआई एयरपोर्ट पर भी तस्करी की कई खबरें जगजाहिर हुई है। सूत्रों के अनुसार जितनी चन्दन पकडी जाती है उससे सौ फीसदी चन्दन को सफलतापूर्वक तस्करी द्वारा भेजी जाती है। इस तस्करी में सम्बन्धित विभाग के अफसरों की मिलीभगत से भी यह काम किया जाता है। भारत के कई बड़े बन्दरगाहों और ड्राईपोटों से चन्दन की लकडी  निकाली जा रही है।

 सूत्रों अनुसार दिल्ली में चन्दन की तस्करी का मास्टर माइंड़ गुड़गांव में रहता है। अभी हालही में आईसीडी तुगलकाबाद से  दो कन्टेंर चन्दन की लकडी के हांगकांग भेजें गये। पूछताछ के बाद डीआरआई ने ये कन्टैंनर दिल्ली वापस मंगा लिया है। जिनमें चन्दन की लकडी मौजूद है।
 वर्ष 2013 की बात करे तो अखबारों में छपी रिपोर्टों के अनुसार  तस्करी के मामले कुछ इस तरह हैं।
4 फरवरी 2013-मुंबई के ठाणे में तस्करी के लिए ले जाई जा रही 2 करोड़ की चन्दन बरामद की गयी।
17 मार्च 2013- पीलीभीत जिले के पूरनपुर के पास जंगल में पुलिस ने लगभग 15 करोड़ रुपये मूल्य की चंदन की लकड़ी बरामद की।
13 अप्रेल 2013 - मुंबई के उरण के चिर्ले गांव में छापा मारकर नवी मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने बेशकीमती लाल चंदन से भरे आठ कंटेनरों को अपने कब्जे में ले लिया। इस मामले में सभी आरोपी फरार हो गये। आठ बड़े कंटेनरों में लदा लाल चंदन का यह कंसाइनमेंट अरब देशों के लिए भेजा जा रहा था। जिसकी कीमत करोडो में बतायी गयी।
15 जून 2013 - नवी मुंबई स्थानीय क्राइम ब्रांच ने 66 लाख रुपये के कीमत की लाल चंदन की एक बड़ी खेप जब्त की है। इस खेप को विदेश भेजने के फिराक में दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है।
16 जुलाई 2013-लाल चंदन की तस्करी में सबसे बड़ा भंडाफोड़, प्याज के बहाने दुबई भेजे जा रहे लाल चंदन से भरे 8 कंटेनर जब्त  100 टन से अधिक की बरामदगी, अंतरराष्ट्रीय बाजार में 100 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत
19 अगस्त 2013- चैन्नई के कोयंबटूर जिले के पोल्लाची के समीप एक गोदाम से पुलिस ने करीब 30 टन चंदन की लकड़ी जब्त की। इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। माना जा रहा है कि चंदन की इन लकडियों की तस्करी कर केरल ले जाया जा रहा था।
8 सितम्बर 2013- छत्रापति शिवाजी इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर तस्करी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामले में मुंबई एयरपोर्ट के सुरक्षा अधिकारियों ने चंदन की तस्करी के आरोप में जेन जिटेंग नामक शख्स को गिरफ्तार किया है। उसके पास से 60 किलो चंदन बरामद किया गया।
26 सितम्बर 2013- गुप्त सूचना के आधार पर पनवेल वन विभाग ने पुलिस की सहायता से पनवेल के एक गांव के पास खड़े कंटेनर पर छापा मारते हुए करीब डेढ़ करोड़ रुपये से भी अधिक मूल्य का 10 मेट्रिक टन लाल चंदन बरामद कर लिया है।
21 अक्टूबर 2013  -डीआरआई ने चन्दन की तस्करी से जुडे एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करने का दावा किया।
 अधिकारियों ने कई गोदामों पर छापा मारकर भारी मात्रा में चन्दन की लकड़ी जब्त की है। विभाग ने दिल्ली के अलावा जयपुर में भी छापे मारकर विदेशी नागरिक सहित पांच लोगो को अरेस्ट किया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कमल नेगी (37) दलजीत सिंह (28) सौरभ चोपड़ा (28) मयूर रंजन उर्फ विजय (27) और थाईलैंड निवासी योदिंग(47) के रूप में हुई है। सूत्रों का कहना है कि इनमे से सौरभ चोपड़ा को सेशन कोर्ट से जमानत मिल गयी है। बाकी चारांे आरोपी न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद हैं।
सूत्रों के अनुसार डीआरआई को सूचना मिली थी कि दिल्ली में चन्दन के तस्करों ने अलग-अलग गोदामों में भारी मात्रा में चन्दन की लकड़ी छिपाकर रखी हुई है। चन्दन की लकड़ी का यह खेप अवैध रूप से विदेश भेजी जानी थी। दिल्ली के अलावा जयपुर में भी भारी मात्रा में चंदन की लकड़ी छिपाकर रखी हुई है। इस पर डीआरआई अधिकारियों ने दिल्ली में पुरानी सब्जी मंडी इलाके में स्थित केदार बिल्डिंग पर छापा मारा। छापे के दौरान बिल्डिंग से 14.5 किलो लाल चन्दन की लकड़ी के अलावा 75.8 किलो ब्राउन कलर की चन्दन की लकड़ी बरामद की। छापे के दौरान शिव कुमार जोगी नामक शख्स ने दावा किया की यह लकड़ी उसने 10 लाख रूपये में खरीदी है। लेकिन वह कोई लिखित दस्तावेज नहीं दिखा पाया। डीआरआई ने यहाँ से 14 लाख 50 हजार रूपये की नगदी भी जब्त की।
डीआरआई अधिकारियों ने वजीरपुर इलाके में स्थित गोदाम पर छापा मारकर भारी मात्रा में चन्दन की लकड़ी जब्त की। गोदाम से चन्दन की लकड़ी  के 95 बड़े लट्ठे 251२छोटे टुकडेघ्, चन्दन की लकड़ी के टुकडो से भरे 213 बैग,108 छोटे लकडी के छोटे टुकडेए 80 बैग चन्दन की लकड़ी का पाउडर, 89 बैग चिप्स, 44 बैग बुरादा जब्त किया। टीम ने पीतम पूरा में मयूर रंजन के घर से छापा मारकर एक्सपोर्ट से सम्बंधित दस्तावेज जब्त किये। डीआरआई अधिकारियों ने होगंकोंग के कस्टम विभाग से चन्दन की लकड़ी के तस्करी के सम्बन्ध में जानकारी पता की तो उन्हें पता चला कि 27 जून 2013 को उन्होंने इंडिया से भेजी गयी 17,157 किलो चन्दन की लकड़ी बरामद की थी। जब्त की गयी लकड़ी की कीमत 4 करोड़ के आसपास बतायी गयी है। अधिकारियों ने जयपुर में भी छापे मारकर चन्दन की लकड़ी की तस्करी करने के आरोप में एक विदेशी सहित पांच लोगो को अरेस्ट किया। आरोपियों का राममनोहर लोहिया हाॅस्पिटल में मेडिकल करवाने के बाद उन्हें दरिया गंज थाने के लॉकअप  में रखा गया था। यहाँ से सभी आरोपियों को सम्बंधित कोर्ट में पेश किया गया।
24 अक्टुबर 2013- मुंबई एयरइंडिया ने चंदन की लकड़ी की तस्करी के आरोप में दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया और मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। एयरइंडिया के दो विमान परिचारकों मिलिंद दावणे और निधिन कोरोह को कस्टम की वायु खुफिया इकाई ने इंदिरागांधी हवाईअड्डे पर रविवार को गिरफ्तार किया। मुंबई निवासी ये परिचारक 56 किलोग्राम चंदन की लकडी हांगकांग भेजने की कोशिश कर रहे थे। तस्करी का यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब एक खुफिया जानकारी के बाद इनके सामान को एक्स-रे मशीन से गुजारा गया। एयरइंडिया के प्रवक्ता ने कहा, दो विमान परिचारकों के चंदन की लकड़ी की तस्करी के मामले में पकड़े जाने के बाद हमने इन्हें निलंबित कर दिया है और इनके खिलाफ जांच भी शुरु की जा चुकी है। यदि ये परिचारक जांच में दोषी पाए जाते हैं तो इनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
इन 2013 की घटनाओं को परत दर परत हम आपके सामने इसलिए रख रहे है क्यों की चन्दन की तस्करी का खेल लगातार खुलेआम गति पकड़ता जा रहा है और इसका फायदा तस्कर ही नहीं बल्कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग भी कर रहे है एयर इंडिया के दो क्रू मेम्बर का पकड़ा जाना इसकी पुष्टि करता है, पहले भी तुगलकाबाद आई सी डी जैसी जगहों पर ऐसे मामले पकडे जा चुके हैं।
चंदन और लाल चंदन दुर्लभ और नायाब है. यह वास्तव में सोने से भी अधिक मूल्यवान है. कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन के आस - पास नहीं होने के बावजूद, लाल चंदन विलुप्त होने की कगार पर है.उसे पुलिस द्वारा 2004 मार गिराया गया था। पहले वीरप्पन चंदन जंगल के राजा के रूप में जाना जाता था। लेकिन उनकी विरासत जारी है. चंदन की एक बहुत महगी और धार्मिक महत्वपूर्ण किस्म लाल चंदन विलुप्त होने की कगार पर है। कहा जाता है आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु सीमा चंदन की इस विशेष किस्म के लिए मशहूर है चीन से यह 18वीं सदी में लाल चंदन फर्नीचर का एक टुकड़ा 35 मिलियन की की कीमत में मिलता था। लेकिन अब यह लाल चंदन मूल के अपने देश से तेजी से गायब है। इसके निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद, लकड़ी चीन और जापान के लिए बड़ी मात्रा में तस्करी द्वारा भेजी जाती है। लकड़ी तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और मणिपुर में एक राजनीतिक रूप से जुड़े माफिया इसको चला रहे हैं। राजनीतिक दलों के नेता दिल्ली, कोलकाता, आंध्र प्रदेश और चेन्नई से चन्दन की तस्करी में लिप्त है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यह चन्दन तस्करी  10,000 करोड़ रुपये बाजार है। देश भर के  बंदरगाहों में डीआरआई बरामदगी पिछले चार वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

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